शायद उन् वीरान गलीयों में घूमकर......
हम भी viraniyo में खो गए.....
भटकते भटकते दुनीया के उस कोने में पहुँच गए.....
जहाँ लोग नहीं रहते थे......
रहते थे तो sirf बंदर.....
केले खाने वाले बंदर ........
Thursday, November 24, 2011
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