एक लडकी थी दिवानी सी, सुन्दर सी लम्बी सी,
नज़रे झुकाके शरमाके गलियो से गुज़रा करती थी
लटक मटक चलती थी, और कहा करती थी,
बरतन ले लो बरतन....
वो हमारी गली मे आये...
वो हमारी गली मे आये...
वो हमारी गली मे आये...
और चिल्लाके बोले....
पेपर रद्दी वाला !!!!!
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